यह आलेख फेलिसिटी अम्बर द्वारा Kiddoware.Com के लिये विशेष रूप से लिखा गया है।
आजकल की मोबाइल एप्स एवं वेब साईट की अप्रत्याशित वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि तकनीकि विकास ने दुनिया में कितना बदल दिया है। स्मार्ट घरों में स्मार्ट मोबाइल ने अतिक्रमण कर माता पिता के लिये बच्चों को मोबाइल एप्स अथवा वेब साईट से दूर रखना क चुनौती बन गया है।
मेरीविले युनिवर्सिटी के अनुसार आने वाले समय में तकनीकि विकास के फल स्वरूप उद्योगों द्वारा और विकसित मोबाइल एप्स के कारण माँग और तेजी से बड़ेगी। जल्दी ही आपके बच्चे वी आर (वर्चुअल रियलिटी) हेड फोन या डिजिटल डान्स मेट्स की माँग करेगें। वी आर हेड फोन तो बाजार में आ भी चुके हैं। ये विकसित साधन अपने साथ आपके व बच्चों के लिये खतरा भी ला रहे हैं। इन्टरनेट एवं ओनलाइन बातचीत का खतरा परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप में असीमित एवं गंभीर हो सकता है। उदाहरण के लिये विज्ञापन कर्ता लोकप्रिय सोशियल मीडिया जैसे इन्सटाग्राम या यू ट्यूब प्रभाव का उपयोग किशोरों एवं बच्चों को ललचाने के लिये करते हैं साथ ही डाटा एकत्र कर व्यक्तिगत विज्ञापन दिखाते हैं। इसके अलावा कुछ चीजें ओनलाइन वैसी नहीं होती जैसी दिखती हैं, कुछ लिंक नुकसान दायक संदेश या चित्र पर ले जाती हैं। शुक्र है कि आप कुछ सावधानी इनसे बचने के लिये बरत सकते है। इनमें से कुछ हमने नीचे दी हैं:
मैलवेयर पर ध्यान दें
टेक ज्यूरी के अनुसार हर साल लगभग १७५ अरब एप्स डाउनलोड की जाती हैं, औसतन हर व्यक्ति के मोबाइल में ८० एप्स होती है। इतनी सारी डाउनलोड की जाने वाली एप्स का एक छोटा हिस्से में अवश्य ही मैलवेयर होता है जो आपके मोबाइल को नुकसान पहुँचा सकता है,आपकी व्यक्तिगत जानकारी ले सकता है या आपके बच्चे की जब वह मोबाइल का उपयोग कर रहा हो तो फोटो भी ले सकता है।
इन मैलवेयर से सावधान रहना चाहिये एवं केवल विश्वसनीय विक्रेता से ही एप्स लेना चाहिये। इसी प्रकार केवल विश्वसनीय वेब साईट ही देखनी चाहिये जिनका लम्बे समय से सुरक्षित एवं बच्चों के लिये अच्छी जानकारी देने का रिकार्ड हो।
ध्यान से पढ़ेः
कभी कभी एप अथवा वेब साईट को आपकी व्यक्तिगत जानकारी लेने के लिये मैलवेयर की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि वह आप स्वयं दे देते हैं। जिस बाक्स में सहमत हूँ () टिक करते हैं उसमें आप की सोच से अधिक बहुत कुछ हो सकता है। अनुमति देने के जाल से बचने के लिये अनुबन्ध को ध्यान से पढ़े।एप्स एवं वेब साईट को आवश्यकता से अधिक कोई चीज जो उसके उपयोग के लिये जरूरी नहीं है नहीं मिलनी चाहिये। आपकी स्थिति (लोकेशन) उन एप्स के लिये जिन्हें आप काम में नहीं लाते तो बिल्कुल नहीं देना चाहिये। केवल वही एप्स या वेब साईट जिनकी निजता पालिसी समझ मे आने वाली और तर्क संगत हो, ये निजता और डाटा सुरक्षा के नियमों का पालन करती हैं।
समीक्षा पढ़ेंः-
इन्टरनेट की सबसे अच्छी बात यह है कि वे उपयोग कर्ता को तुरन्त ही लोगों के अनुभव की जानकारी उपलब्ध करा देती है। इससे आप अन्य बच्चे या और जरूरी उनके माता पिता उस एप अथवा वेब साईट के बारे में क्या अनुभव है जान सकते हैं।
गलत बाट (BOT) द्वारा या पैसे देकर लिखी गयी समीक्षा से बचने की जरूरत है। ध्यान से सभी समीक्षायें देखने पर वास्तविक समीक्षायें नकली समीक्षाओं अलग ही पहचान में आजायेगीं।
सब मिलाकर यह स्पष्ट हो जाता है कि आप अपने बच्चों को एप्स एवं वेब साईट का उपयोग करते समय सही तरीके से मानीटर कर सुरक्षित रख सकते हैं। यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि इन सब उपायों से ज्यादा जरूरी है कि बच्चे कम्प्यूटर व मोबाईल सीमित बार एवं सीमित समय के करें। केलगरी यूनिवर्सिटी के अध्यन के अनुसार बहुत अधिक स्क्रीन समय बच्चों के विकास की गति को कम करता है तथा आगगे तक उनके व्यवहार को प्रभावित करता है। स्मार्ट माता पिता यह जानते हैं कि वे तकनीक से प्रभावित न हों, क्योंकि वे बच्चों के बिना मानीटरिंग एवं अधिक स्क्रीन समय एवं के प्रभाव को समझते हैं।
इसके बजाय वे समय निकाल कर बच्चों से सीधे बातचीत करते हैं जो उनके भावनात्क व मानसिक विकास के लिये न केवल अमूल्य है, बल्कि मैलवेयर एवं गलत समीक्षा से मुक्त हैं।
आलेख विशेष रूप से किडोवेयर डाट काम के लिये लिखा
द्वारा फेलिसिटी अम्बर
The Digital Parenting Challenge in 2025Children today are growing up with technology at their fingertips.…
IntroductionIn today’s digital age, children are introduced to smartphones and tablets at a very young…
Screens are everywhere—from tablets and phones to smart TVs. And while digital devices can be…
In today’s digital age, managing kids' screen time has become more important than ever. As…
As AI chatbots and content recommendations become more integrated into social media platforms, concerns about…
In today's digital age, children have unprecedented access to online content, making it imperative for…